ETF क्या है? 5 स्टेप्स

ETF

ईटीएफ (ETF) में निवेश शुरुआती के लिए पूरी गाइड

आपने शेयर बाजार  के बारे में तो सुना ही होगा, लेकिन क्या आपने कभी ईटीएफ (ETF) के बारे में सुना है? हाल के दिनों में, ईटीएफ निवेश काफी चर्चा में है. मगर, बहुत से लोगों को ये नहीं पता कि ये ईटीएफ आखिर है क्या? 

आज की इस ब्लॉग पोस्ट में, हम यही जानने वाले हैं कि ईटीएफ क्या होता है और इसमें कैसे निवेश किया जाता है? अगर आप शेयर बाजार में नए हैं और कम जोखिम के साथ निवेश करना चाहते हैं तो ये ब्लॉग आपके लिए ही है

ईटीएफ की A to Z जानकारी

ETF आखिर है क्या?

ईटीएफ का पूरा नाम “एक्सचेंज ट्रेडेड फंड” (Exchange Traded Fund) होता है. इसे हिंदी में “स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार करने वाला फंड” भी कह सकते हैं. ये एक ऐसा टोकरी जैसा फंड होता है, जिसमें कई कंपनियों के शेयर (Share) या फिर सोना, बॉन्ड (Bond) जैसी चीजें इकट्ठी रहती हैं.

ETF कैसे काम करता है?

मान लीजिए आप एक ईटीएफ में निवेश करते हैं, जो निफ्टी 50 कंपनियों में पैसा लगाता है. तो इस ईटीएफ के जरिए आप एक ही बार में निफ्टी की 50 कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगा लेते हैं. वैसे ही, अगर ईटीएफ सोने में निवेश करता है, तो आप उस ईटीएफ के जरिए थोड़े से पैसे से ही सोने में निवेश कर सकते हैं.

ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है? 

ईटीएफ और म्यूचुअल फंड दोनों ही कई कंपनियों में निवेश कराते हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर भी हैं. सबसे बड़ा अंतर ये है कि ईटीएफ को आप शेयर बाजार की तरह खरीद-फरोख्त कर सकते हैं, जबकि म्यूचुअल फंड यूनिटें सीधे फंड हाउस से ही खरीदी और बेची जाती हैं.

ETF की खासियतें 

विविधीकरण : ETF कम जोखिम के साथ विविधीकरण का फायदा देता है.

  • पारदर्शिता: ईटीएफ में कौन-सी कंपनियों के शेयर हैं, ये पूरी तरह पारदर्शी होता है.
  • लिक्विडिटी: ईटीएफ को आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है.

ईटीएफ के अलग-अलग रूप

ईटीएफ कई तरह के होते हैं, जो अलग-अलग चीजों में निवेश का मौका देते हैं. आइए, इनके बारे में थोड़ा विस्तार से जानें

  • इंडेक्स ईटीएफ (Index ETF): ये ईटीएफ किसी मार्केट इंडेक्स (Market Index) को ट्रैक करते हैं. उदाहरण के लिए, निफ्टी 50 ईटीएफ (Nifty 50 ETF) निफ्टी 50 इंडेक्स की 50 कंपनियों में पैसा लगाता है.
  • गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF): जैसा नाम से पता चलता है, ये ईटीएफ सोने में निवेश करते हैं. गोल्ड ईटीएफ खरीदने का मतलब है कि आप असली सोना खरीदे बिना ही उसमें निवेश कर सकते हैं.
  • सेक्टोरल या थीमैटिक ईटीएफ (Sectoral Ya Thematic ETF): ये ईटीएफ किसी खास सेक्टर, जैसे बैंकिंग, आईटी (IT), या फिर किसी थीम, जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) में ही कंपनियों के शेयर रखते हैं.
  • इंटरनेशनल ईटीएफ (International ETF): इन ईटीएफ के जरिए आप विदेशी कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक ईटीएफ अमेरिकी कंपनियों में या फिर चीन की कंपनियों में पैसा लगा सकता है.
  • डेट ईटीएफ (Debt ETF): ये ईटीएफ सरकारी बॉन्ड (Government Bond) या कॉर्पोरेट बॉन्ड (Corporate Bond) जैसे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स (Fixed Income Instruments) में निवेश करते हैं.

ईटीएफ में निवेश के फायदे

तो अब जब आप जान गए हैं कि ईटीएफ क्या होते हैं और उनके अलग-अलग प्रकार कौन से हैं, तो चलिए नजर डालते हैं ईटीएफ में निवेश करने के फायदों पर

  • कम खर्च : ETF में निवेश करने पर लगने वाला खर्चम्यूचुअल फंड के मुकाबले काफी कम होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि ईटीएफ को मैनेज करने में उतना खर्च नहीं आता.
  • पारदर्शिता :ETF में कौन-सी कंपनियों के शेयर हैं या किसमें पैसा लगा है, ये पूरी तरह स्पष्ट होता है. आप कभी भी देख सकते हैं कि आपके ईटीएफ में आखिर क्या-क्या शामिल है 
  • सुविधा : ETF को आप शेयर बाजार की तरह ही आसानी से खरीद और बेच सकते हैं. इसके लिए आपको किसी फंड मैनेजर (Fund Manager) के पास जाने की जरूरत नहीं होती.
  • ट्रेडिंग की सुविधा : आप ETF को पूरे दिन ट्रेड कर सकते हैं, जबकि म्यूचुअल फंड यूनिट्स सिर्फ दिन के एक खास समय पर ही खरीदी और बेची जा सकती हैं.
  • विविधीकरण:ETF कम पैसों में भी कई कंपनियों या संपत्तियों में निवेश का फायदा देते हैं. इससे जोखिम भी कम हो जाता है. उदाहरण के लिए, एक निफ्टी 50 ETF के जरिए आप एक ही बार में 50 कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगा लेते हैं.
ETF

ETF में निवेश के जोखिम

ईटीएफ भले ही फायदेमंद हों, लेकिन हर निवेश की तरह इसमें भी कुछ जोखिम शामिल होते हैं. तो आइए, ETF में निवेश करने से पहले इन जोखिमों को भी समझ लें

  • बाजार जोखिम : शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर ETF पर भी पड़ता है. अगर बाजार गिरता है, तो आपके ईटीएफ की कीमत भी कम हो सकती है.
  • बिड-आस्क स्प्रेड : ETF खरीदने और बेचने के लिए अलग-अलग दामहोते हैं. जिसे आप खरीदना चाहते हैं वो थोड़ा महंगा हो सकता है और जिसे आप बेचना चाहते हैं वो थोड़ी कम कीमत पर बिक सकता है. इस अंतर को बिड-आस्क स्प्रेड कहते हैं. जितना ज्यादा स्प्रेड होगा, आपका उतना ही ज्यादा नुकसान हो सकता है.
  • ट्रैकिंग एरर (Tracking Error): कुछ ETF पूरी तरह से उस इंडेक्स या संपत्ति को ट्रैक नहीं कर पाते, जिसके वो अनुसरण करते हैं. इस अंतर को ट्रैकिंग एरर कहते हैं. ट्रैकिंग एरर की वजह से आपके रिटर्न (Return) में थोड़ा फर्क पड़ सकता है.

हालांकि, ईटीएफ के फायदों को देखते हुए ये जोखिम कम ही लगते हैं. लेकिन, फिर भी निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगले सेक्शन में हम देखेंगे कि ईटीएफ में निवेश कैसे शुरू किया जा सकता है

ईटीएफ में निवेश कैसे करें?

ईटीएफ के बारे में अब आप काफी कुछ जान चुके हैं. तो चलिए अब सीखते हैं कि ETF में निवेश कैसे किया जाता है

1. ईटीएफ निवेश प्रक्रिया को समझें 

ETF में निवेश करना शेयर खरीदने जैसा ही है. सबसे पहले आपको एक डिमैट अकाउंट (Demat Account) की जरूरत होगी. अगर आपके पास पहले से डीमैट अकाउंट नहीं है तो आप किसी ब्रोकर के पास जाकर इसे खुलवा सकते हैं). इसके बाद, आपको यह तय करना होगा कि आप किस ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं.

2. सही ईटीएफ स्कीम चुनें 

ईटीएफ कई तरह के होते हैं, इसलिए अपने निवेश के लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता के हिसाब से सही ETF स्कीम चुनना जरूरी है. इसके लिए आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर (Financial Advisor) की मदद भी ले सकते हैं.

3. ईटीएफ में एसआईपी (SIP) का फायदा उठाएं 

ETF में भी आप SIP यानी सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान का फायदा उठा सकते हैं. इसमें हर महीने एक तय रकम ईटीएफ में जमा होती रहती है. इससे रुपए औसतन) लगते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव का भी फायदा मिल सकता है.

4. ईटीएफ खरीदने का ऑर्डर दें अपने डिमैट अकाउंट से जुड़े हुए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (Online Trading Platform) पर जाकर आप ईटीएफ यूनिट खरीदने का ऑर्डर दे सकते हैं. ऑर्डर देते समय आपको ईटीएफ की संख्या और खरीद मूल्य जैसी जानकारी भरनी होगी.

ईटीएफ में निवेश करने से पहले जरूरी है कि आप इन सब चीजों को अच्छे से समझ लें. साथ ही, किसी भी निवेश की तरह, ईटीएफ में भी जल्दबाजी ना करें और पूरी रिसर्च (Research) करके ही अपना फैसला लें.

अगर आप ईटीएफ के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं या फिर किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना चाहते हैं, तो अपने बैंक या किसी ब्रोकर से संपर्क कर सकते हैं.

ईटीएफ के कुछ उदाहरण

ईटीएफ कई तरह के होते हैं, जैसा कि हमने पहले पढ़ा. आइए, अब कुछ उदाहरणों के जरिए इसे और भी अच्छे से समझते हैं

  • निप्पॉन इंडिया ईटीएफ निफ्टी बीएस : यह एक ऐसा ईटीएफ है, जो निफ्टी 50 इंडेक्स को ट्रैक करता है. इसमें निवेश करने का मतलब है कि आप एक ही बार में निफ्टी की 50 बड़ी कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा पैसा लगा रहे हैं.
  • मोतीलाल ओसवाल नैस्डैक 100 ईटीएफ : इस ईटीएफ के जरिए आप अमेरिका के शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. यह ईटीएफ अमेरिका के नैस्डैक 100 इंडेक्स को ट्रैक करता है, जिसमें टेस्ला, ऐप्पल जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां शामिल हैं.
  • गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF): जैसा कि नाम से पता चलता है, ये ईटीएफ सोने में निवेश का विकल्प देते हैं. गोल्ड ईटीएफ खरीदने का मतलब है कि आप असली सोना खरीदे बिना ही उसमें निवेश कर सकते हैं. सोने के दाम बढ़ने पर गोल्ड ईटीएफ की कीमत भी बढ़ती है.

तो चलिए, अब तक हमने क्या सीखा?

इस ब्लॉग पोस्ट में, हमने जाना कि ईटीएफ क्या होते हैं और वे कैसे काम करते हैं. हमने ईटीएफ के अलग-अलग प्रकारों, उनके फायदों और जोखिमों के बारे में भी विस्तार से पढ़ा. साथ ही, यह भी सीखा कि ईटीएफ में निवेश कैसे शुरू किया जा सकता है.

आसान शब्दों में कहें तो, ईटीएफ एक ऐसा टोकरी जैसा फंड है, जिसमें कई कंपनियों के शेयर या सोना जैसी चीजें इकट्ठी रहती हैं. आप ईटीएफ को शेयर बाजार की तरह ही खरीद और बेच सकते हैं. ईटीएफ कम जोखिम के साथ विविधीकरण का फायदा देते हैं और पारदर्शी भी होते हैं.

ईटीएफ आपके लिए सही निवेश विकल्प हो सकता है?

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन सीधे तौर पर कंपनियों के शेयर चुनने में असहज हैं, तो ईटीएफ आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. ईटीएफ में निवेश करने से पहले रिसर्च जरूर करें और अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखें. साथ ही, किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से भी सलाह ले सकते हैं.

हमें उम्मीद है कि इस ब्लॉग पोस्ट से आपको ईटीएफ के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी. अगर आपके कोई सवाल हैं, तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर लिखें. 

तो देर किस बात की, अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ईटीएफ जैसे आधुनिक निवेश विकल्पों के बारे में जानकारी हासिल करें

ईटीएफ से जुड़े कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ईटीएफ के बारे में सीखना काफी दिलचस्प रहा होगा, लेकिन आपके मन में अभी भी कुछ सवाल उठ रहे होंगे. तो चलिए, अब उन सवालों के जवाब ढूंढते हैं जो लोगों के मन में अक्सर आते हैं

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क्या ईटीएफ में हर रोज निवेश किया जा सकता है?

हां, ईटीएफ को आप शेयर बाजार की तरह ही हर रोज खरीद और बेच सकते हैं.

क्या ईटीएफ पूरी तरह से सुरक्षित निवेश है?

कोई भी निवेश पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता. ईटीएफ में भी बाजार जोखिम रहता है. हालांकि, विविधीकरण की वजह से ईटीएफ में जोखिम कम हो जाता है.

ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में क्या अंतर है?

दोनों ही विविधीकरण का फायदा देते हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं. ईटीएफ को आप शेयर बाजार की तरह खरीद-फरोख्त कर सकते हैं, जबकि म्यूचुअल फंड यूनिटें सीधे फंड हाउस से ही खरीदी और बेची जाती हैं. साथ ही, ईटीएफ आमतौर पर म्यूचुअल फंड के मुकाबले कम खर्चीले होते हैं.A

ईटीएफ में निवेश करने के लिए मैं किससे संपर्क करूं?

किसी भी ब्रोकर (Broker) से संपर्क करके आप ईटीएफ में निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले आपको एक डिमैट अकाउंट खुलवाना होगा.

ये कुछ ऐसे सवाल थे, जो लोगों के मन में ईटीएफ के बारे में अक्सर आते हैं. उम्मीद है कि इन जवाबों से आपकी जिज्ञासा शांत हुई होगी अगर आपके कोई और सवाल हैं, तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर लिखें.

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